उत्तराखंड एक्सक्लूसिव

सरकारी भूमि पर हुए कब्जों पर चला पीला पंजा

विकासनगर। सरकारी जमीनों पर हुए अवैध अतिक्रमण के खिलाफ लगातार हो रहे बुलडोजर एक्शन के बावजूद भी सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। जिन पर एक बार फिर तहसील प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए करीब एक दर्जन से अधिक मकानों पर बुलडोजर चलाकर जमींदोज करवा दिया।

विकासनगर तहसील क्षेत्र में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। सूत्रो के मुताबिक पूर्व में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और विभागीय कर्मियों से मिलीभगत कर बस्तियां तो बसाई गई है मगर सीएम धामी के सरकारी जमीनों को अवैध अतिक्रमण से कब्जा मुक्त कराने के सख्त दिशा-निर्देश के बावजूद भी न तो स्थानीय जनप्रतिनिधि सुध ले रहे हैं और न ही अवैध कब्जाधारी सरकारी जमीनों पर कब्जे करने से बाज़ आ रहे हैं। आरोप है कि झाझरा ग्राम पंचायत क्षेत्र में भी सरकारी जमीनों जगह जगह अवैध कब्जा तो हुआ ही है, साथ ही कई जगह सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा कर बस्तियां तक बसा दी गई हैं। जिसकी लगातार शिकायत मिलने के बाद हरकत में आते हुए तहसील प्रशासन ने झाझरा रीवर हेवन कालोनी, बंगाली बस्ती, आर्केडिया स्कूल के पास और सुद्धोवाला क्षेत्र में सरकारी जमीनों को चिह्नित कर आज से इस अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जिसके चलते आज पहले चरण में नायब तहसीलदार ग्यारू दत्त जोशी की अगुवाई में तहसील प्रशासन की टीम ने रीवर हेवन कालोनी के पास आसन नदी से लगती सरकारी जमीन पर हाल ही में बसाई गई बस्ती के करीब एक दर्जन मकानों को बुलडोजर चलाकर जमींदोज कर दिया गया।
हालांकि इस दौरान को विरोध देखने को नहीं मिला, लेकिन इस कार्रवाई का शिकार हुए कब्जाधारियों ने बताया कि वह लोग इस कार्रवाई के दौरान अपने अपने काम पर गए हुए थे। तब अचानक प्रशासन की टीम ने अचानक कार्रवाई कर दी, जिसमें उन्हें अपने घरों से सामान निकालने की मौहलत तक नहीं दी। बताया कि इस कार्रवाई से पूर्व प्रशासन की ओर से उन्हें न तो समय दिया और न ही कोई नोटिस जारी किया।

वहीं अवैध अतिक्रमण मामले को लेकर नायब तहसीलदार ग्यारू दत्त जोशी ने बताया कि झाझरा और सुद्धोवाला क्षेत्र में सरकारी जमीनों पर हुए अवैध कब्जों को चिह्नित किया गया है। बताया कि उक्त सभी जमीनें राज्य सरकार की पंचायती और बंजर भूमियां है जिन्हें नोटिस दिए जाने की आवश्यकता नहीं है। कार्रवाई नियमानुसार चल रही है, जो आगे भी जारी रहेगी। वहीं उन्होंने इन अवैध कब्जों को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत की बात भी कही।

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