उत्तराखंड

दसऊ मंदिर में हर्षोल्लास से मनाई गई नई दीपावली

ईशान

विकासनगर ।  जौनसार बावर के दसऊ गांव में चालदा महासू देवता मंदिर में पशगांव खत पट्टी के करीब 15 गांव के ग्रामीणों ने देश की दीपावली के साथ देव दिवाली का जश्न हर्षोल्लास के साथ मनाया।

दसऊ गांव में नई दीवाली मनाते ग्रामीण

जिला देहरादून के जौनसार बावर क्षेत्र के दसऊ पंशगांव खतपट्टी के 15 गांव के ग्रामीणों ने छात्रधारी चालदा देवता मंदिर में मशाले जलाकर दीपावली का आगाज किया है। माना जाता है, कि जिस क्षेत्र में छात्रधारी चालदा महासू महाराज प्रवास पर रहते हैं ,उस क्षेत्र की खत पट्टी देश दुनिया के साथ मनाए जाने वाली दिवाली मनाने की परंपरा है। छात्रधारी चालदा महासू महाराज 1 मई 2023 में समाल्टा से दसऊ पंशगांव खतपट्टी के नवनिर्मित मंदिर में विराजमान हुए थे। देवता की इस बार दूसरी दीपावली मनाई जा रही है।

देवता के प्रवास यात्रा समाप्त होने पर इस क्षेत्र के ग्रामीण भी फिर से पुरानी बूढी दिवाली मनाएंगे जनजाति क्षेत्र में कई खत पट्टियों में भी नई दिवाली मनाई गई, जबकि अन्य क्षेत्रों में ठीक एक महिने बाद पर्वतीय बुढी दिवाली मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है ।चालदा महासू देवता के प्रति लोगों में अटूट आता है ।लोगों ने देव दर्शन कर सुख समृद्धि की कामना की इस दौरान 15 गांव के ग्रामीण विमल की पतली लड़कियों का मिसाल बनकर मंदिर परिसर में ढोल दामों की थाप पर नाचते गाते पहुंचे और छात्रधारी चालदा महाराज के जयकारे लगाए गए, हाथों में मशाल जलाकर दीपावली के जश्न में डूबे।
वही देवता को समर्पित पुरानी जनजाति संस्कृति के वाहकों ने हुड़के की थाप पर देव स्तुतियां गाई ।देर रात तक पारंपरिक गीतों से मंदिर परिसर गुलजार रहा। यह दीपावली पारंपरिक रूप से मनाई जा रही है। जिसमें बम पटाखे नहीं जलाए जाते। दीपक के स्थान पर मशाले जलाई जाती है

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