प्रीतम सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह की सियासी दस्तक – जिला पंचायत से राजनीतिक पारी का आगाज़
मोईनूद्दीन खान
विकासनगर, 30 जुलाई। चकराता से कांग्रेस विधायक और पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह ने बृनाड़ बास्तील जिला पंचायत सीट से चुनाव लड़कर सक्रिय राजनीति में अपनी औपचारिक एंट्री कर दी है। पहली बार मैदान में उतरने के बावजूद उनके पक्ष में माहौल साफ देखा जा सकता है और उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही है।
अभिषेक सिंह अपने दादा स्व. गुलाब सिंह की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए जनता के बीच उतर चुके हैं। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सक्रिय रहने के साथ ही अभिषेक सिंह कुछ समय तक संगठन में पीसीसी सदस्य रहे, हालांकि बाद में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। मगर अब वह सीधे तौर पर जनप्रतिनिधि की भूमिका में उतर रहे हैं, जिससे यह चुनाव उनके राजनीतिक भविष्य की अहम नींव माना जा रहा है।

जिला पंचायत अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे मज़बूत दावेदार
हालांकि अभी जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर स्थिति साफ नहीं हो पाई है कि यह सीट आरक्षित होंगी, या फिर सामान्य छोड़ी जाएगी। मगर फिर भी कांग्रेस खेमे में यह चर्चा ज़ोरों पर है कि अभिषेक सिंह को पार्टी देहरादून जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चेहरा बना सकती है। अगर ऐसा होता है तो यह उनके लिए सिर्फ जीत नहीं, बल्कि नई सियासी यात्रा की बड़ी शुरुआत होगी। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, उनकी यह शुरुआत पछवादून और जौनसार-बावर जैसे इलाकों की विधानसभाओं में आने वाले चुनावों के राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकती है।

राजनीतिक पृष्ठभूमि और विरासत
देहरादून जिला पंचायत की राजनीति में प्रीतम सिंह परिवार की गहरी पकड़ रही है। उनके भाई चमन सिंह दो बार जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं, वहीं भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान की पत्नी मधु चौहान ने भी दो बार इस पद पर कब्जा जमाया है। ऐसे में यह चुनाव दो राजनीतिक परिवारों के बीच सीधा मुकाबला बनता जा रहा है।
युवा चेहरा, पुराना अनुभव
अभिषेक सिंह को भले ही बतौर उम्मीदवार पहली बार मैदान में देखा जा रहा हो, लेकिन संगठनात्मक अनुभव और पारिवारिक राजनीतिक पृष्ठभूमि उन्हें अन्य उम्मीदवारों की तुलना में एक मजबूत विकल्प बनाते हैं। जमीनी कार्यकर्ताओं से लेकर पार्टी नेतृत्व तक, सभी की निगाहें अब इस चुनाव परिणाम पर टिकी हुई हैं।
बहरहाल अब देखना यह होगा कि क्या अभिषेक सिंह पहली बार में ही जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचते हैं या मधु चौहान एक बार फिर अपनी पकड़ मज़बूत रखती हैं। परिणाम जो भी हो, यह साफ है कि अभिषेक सिंह की एंट्री ने पछवादून और जौनसार की राजनीति में नई हलचल ज़रूर पैदा कर दी है।